मुझे आदमी का सड़क पार करना हमेशा अच्छा लगता है क्योंकि इस तरह एक उम्मीद - सी होती है कि दुनिया जो इस तरफ है शायद उससे कुछ बेहतर हो सड़क के उस तरफ। -केदारनाथ सिंह
आमीन!!!!!!!!!!!
बधाई!!
बर्वाद चमन को करने को एक ही उल्लू काफी है .यहाँ हर डाल पर उल्लू बैठा है अंजाम ऐ गुलिस्तान क्या होगा
... छा गये!
आमीन!!!!!!!!!!!
ReplyDeleteबधाई!!
ReplyDeleteबर्वाद चमन को करने को एक ही उल्लू काफी है .
ReplyDeleteयहाँ हर डाल पर उल्लू बैठा है अंजाम ऐ गुलिस्तान क्या होगा
... छा गये!
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