Friday, August 15, 2008

यहाँ रात १२ बजे के बाद ही राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है

मेरे शहर में 14 अगस्त को रात्रि बारह बजकर एक मिनट पर तिरंगा फहराया जाता है।
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जहां 15 अगस्त की सुबह लालकिले के प्राचीर पर प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, वहीं बिहार में एक ऐसा भी जगह है जहां 14 अगस्त को रात्रि बारह बजकर एक मिनट पर तिरंगा फहराया जाता है।

बिहार के पूर्णिया जिला स्थित झंडा चौक पर आजादी मिलने के बाद से ही मध्य रात्रि को तिंरगा फहराया जाता है। यहां लोग 14 अगस्त के गुजरते ही इकट्ठा हो जाते हैं और 15 अगस्त को जैसे ही घड़ी में बारह बज कर एक मिनट होता है वैसे ही यहां राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया जाता है।

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के आजाद हिन्द फौज के सिपाही मिलिंद सहाय ने बताया कि यह परंपरा 15 अगस्त 1947 से ही यहां चली आ रही है। उन्होंने कहा, "15 अगस्त 1947 को जैसे ही रात में यहां के लोगों को रेडियो पर यह सूचना मिली कि देश आजाद हो गया तभी यहां के सभी लोग झंडा चौक पर एकत्रित हो गए और राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया, तभी से यहां के लोगों के लिए यह परंपरा बन गई है। "
उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि आज भी यहां के लोग इस परंपरा को जिन्दा रखे हुए हैं।

5 comments:

  1. मैं बरसों से सोचता था कि आजादी का यह जश्न सुबह क्यों शुरू होता है? कोई इसे 24 घंटों के दिन के प्रारंभ पर ही क्यों नहीं मनाता है। आज आप की खबर से सकून मिला कहीं तो यह होता है।

    आजाद है भारत,
    आजादी के पर्व की शुभकामनाएँ।
    पर आजाद नहीं
    जन भारत के,
    फिर से छेड़ें, संग्राम एक
    जन-जन की आजादी लाएँ।

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  2. आभार जानकारी के लिए.
    स्वतंत्रता दिवस की बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं.

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  3. अच्छी जानकारी दिए हैं,धन्यवाद।
    स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ढेर सारी शुभकामनाएं।

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  4. यहां भी बिहार नंबर १ बना हुआ है। दिनेश जी की तरह ही मेरा सवाल भी ये ही होता था, आज जवाब मिल गया।
    स्वतंत्रता दिवस की बधाई आपको

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  5. तिरंगे को फहराने के कुछ नियम हैं. उनमें से एक है "तिरंगे को सूर्योदय के समय फहराएं और सूर्यास्त होने पर वापस उतर लें". ऐसी स्थिति में रात को तिरंगा फहराना कितना उचित है, इसपर मैं कोई टिपण्णी नहीं करना चाहता.

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